उस दिन का इंतज़ार रहेगा हमको बेसब्री से
जिसका आगाज़ तुझसे और अंज़ाम 'तुम्हीं'पर हो-
बेसब्री की आँच पर पकती रहती हैं ख़्वाहिशें,
जल जाता है सुकून तपती रहती हैं ख़्वाहिशें।-
दिल-ए-मुश्ताक़ को, यूँ झूठा दिलासा दे जाता है,
क़ासिद कभी कभी मुझे ख़ाली लिफ़ाफ़ा दे जाता है!-
उफुक़ आँखों की बेबसी है
साथ होकर भी हम साथ नही है
अपने वजूद का है इल्म किसे
औरों की थाह टोहने की बेसब्री है
उफुक़- क्षितिज, horizon-
बेसब्रियों के सब्र को अब खत्म हो जाने दो,
आज तो चाँदनी का मिलन चाँद से हो जाने दो!!-
मेरा अस्तित्व,तेरी अधूरी किताब में मुड़े उस पन्ने के छोर सा है,
जो आज भी बड़ी बेसब्री से तेरे इंतज़ार में है-
चांदनी रात होगी , तेरा दीदार होगा
तेरे आने का बेसब्री से इन्तज़ार होगा।-
यूँ तो तुम्हारी बेख़बरी की ख़बर है अब हमें...
पर इस बेसब्री का क्या जिसे सब्र नहीं राह तकने से...-
सुना था ...
इश्क़ में इंतेज़ार का मज़ा ही कुछ और होता है,
पर हमारी तो कुछ दिनों में ही जान निकली जा रही है...-
कभी कभी सोचती हूं,
कि कहीं आगे बढ़ना भूल तो नहीं,
जो हरदम चुभता रहा है मुझे
कहीं मेरी बेसब्री ही वो शूल तो नहीं।-