साली तो रस की प्याली है,
साली क्या है रसगुल्ला है
साली तो मधुर मलाई-सी,
अथवा रबड़ी का कुल्ला है।
पत्नी तो सख्त छुहारा है
हरदम सिकुड़ी ही रहती है
साली है फाँक संतरे की,
जो कुछ है खुल्लमखुल्ला है।-
बाईसा रावले रे गढ़ री खुशहाली,
अर् रुप रो चाँद,
माँ सा हुकूम री लाड़ली,
अर् भुआसा री परछाई,
बाबोसा री कालजा री कौर,
अर् भाईसा री मुछ्या री मरोड़...-
शाटाक
😣😣
अगर पत्नी की बहिन यानि कि साली
जीजा की आधी घरवाली होती है तो
फिर तो पति का भाई यानि की देवर भी
भाभी का आधा घरवाला होना चाहिए
अगर
आप साली में बहिन या बेटी जैसा भाव
नहीं रख सकते तो पत्नी से उम्मीद क्यों
कि वो देवर को भाई या बेटे जैसा माने
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मतलब...
साली एक मनोरंजन
का साधन है??
यह व्यवहार शोषण है
इक स्त्री का
यदि पत्नि अपने
देवर से ऐसा बर्ताव करें
तो क्या एक पति, एक पुरूष
को यह स्वीकार्य होगा???
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ऐसा नहीं कि सिर्फ जेठानी ही सुतली होती है
बल्कि जीजा भी कम झींगुर नहीं होते..
साली की शादी होते ही झिंग झिंग शुरू
अपनी पोस्ट की टेंशन..कहीं छोटे दामाद को
सब मुझसे ज्यादा काबिल अच्छा न समझ लें
सब मेरी तारीफ खातिर करें..उसकी बुराई हो
सास ससुर साले सरहज सब पर छड़ी घुमाने
लगते हैं..और तो और दिली तमन्ना कि साली
भी मेरी ही तारीफ़ करे..अपने पति से अच्छा
मुझे बताए..अगर न करे तो..भड़काओ
बीबी को बाकी सबको..बीबी को मोहरा बनाकर
साली का पत्ता साफ करा दो उसके मायके से
फिर बस झींगुर का ही राज़ रहेगा ससुराल पर
और ससूराल से माल खींचते रहने का स्रोत भी
😏-
अब तुम्हें क्या बताऊं साली साहिबा कि तुम्हारा जीजा कैसा हैं,
तुम्हारी दीदी की आँखें देख लो तुम बिल्कुल ऐसा हैा-
साली का यूँ नज़रें चुराकर, नज़रें मिलाना,...
कर ही जाता है, जीजा को दीवाना...!!🤪
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जनाब मत पूछिए हद हमारी गुस्ताखियों की,
हम तो देवर से जीजा बनने के सपने ले रहे हैं।।-