चंद पैसे कमाने को मजबूर लड़का !!
है घर चलाने को घर से दूर लड़का !!
अपनों से दूरी का ग़म, सच मायने में
जानता है शहर गया मज़दूर लड़का !!
आंसूओं पर बंदिश है, कोई देख ना ले
रो भी नहीं पाता कभी भरपूर लड़का !!
इश्क़ की बस्ती में पाँव गर रखे भी तो
ज़माने में बेवफाई से मशहूर लड़का !!
चाँद है लड़की, सभी यहां बतलाते हैं
कोई नहीं कहता, है कोहनूर लड़का !!
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