चुगलखोर चापलूस की चालों से चतुराई से बचना
ऐ दोस्त तुम चालाकी से हर बुराई से बचना-
गांव की बहुएं
मिक्सी को देख कर" जे क्या है? ’ जे मेरे घर पर नही है
नन्द" ये मिक्सी है भाभी।
अच्छा जे कैसे चलता है मुझे भी सिखा दो,
नन्द " देखो ऐसे चलता है (मिक्सी चलाकर बताया)
अच्छा जे ऐसे चलता है अब मै भी जे चला लूंगी, मिस्सी को
कुछ दिनों बाद
नन्द से कहती है, मैने तो कभी जिंदगी में हाथ से मसाला नही पीसा है, जहां तक मैंने चट्नी भी नही बनाई है,
नन्द अच्छा भाभी तुम्हारे घर पर तो मिक्सी नही थी तो कैसे बनाती थी, तो भाभी 😠😠-
यूं हुक्मरानों की बंदगी अच्छी नहीं ज़नाब,
तीख़ी तेरी ज़बान है,कुछ तो सवाल कर।
उलझा रहेगा कब तक फ़र्ज़ी की खबरों में,
लिख के अब पन्ने पे खूँ,कुछ तो बवाल कर।
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"चापलूसी"
मनुष्य की तारीफ़ अगर सामने हो रहा,
तो समझ लो कोई ,चापलूस है कर रहा।
पीठ पीछे गर किसी की तारीफ़ हो रही,
तब समझ लो असल में तारीफ़ हो रही।
कर के समक्ष तारीफ़,करा लेते अपनी काम,
सीधा करते अपना उल्लू,वो छली है श्रीमान।
तारीफ़ सुनने वालों को,नसीहत दे रहा हूँ एक,
बेवज़ह करने वाले का, लगा देना तू ब्रेक।
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😊ओजस्वी भाषण😊
"हमारा "नेता" मामूली नहीं।
उसकी जीवनी
"जंतु विज्ञान"
में शामिल है।"
■चापलूस चतुरलिंगम■-
हांथों पे उगाए आम फिरें
अरे चापलूस ये सब कर लें...
फ़ुरसत नहीं घड़ी भर की
ना निचले तबके से बात करें
बस आसमान की ओर तकें
अरे चापलूस ये सब कर लें...
खुशामद ऊपर चलती रहे
दूसरों की दुनिया जलती रहे
इनपर विश्वास हम कैसे करें
अरे चापलूस ये सब कर लें...
बहती गंगा में धोते हैं ये हाथ
सारी सिद्धियां हो इनके साथ
उफ़ चरण चाटने से ना डरें
अरे चापलूस ये सब कर लें...
आधा पौना छोड़ छाड़ कर
किसी का किया जोड़ जाड़ कर
अधिकारी कुर्सी का सत्कार करें
अरे चापलूस ये सब कर लें...
महिमा जटिल है इस वर्ग की
नहीं जरूरत किसी उपसर्ग की
अपना उद्धार कर खुश ये रहें
अरे चापलूस ये सब कर लें...-
✍️समय✍️
वह भी एक समय था
जब राजा अपने दरबार में
बुद्धिमान मंत्री पसंद करता था
और मंत्री भी सदैव प्रयासरत रहते थे
कि, उनका राजा कुशल और बुद्धिमान हो
यह भी एक समय है
जब राजा अपने दरबार में
मूर्ख और चापलूस मंत्री पसंद करता है
और मंत्री भी सदैव प्रयासरत रहते हैं
कि, उनका राजा मूर्ख और धूर्त हो-