जब 'नवीन' जी ने बच्चन के लिए कहा, 'लौंडा चोट खाया हुआ लगता है !'
-
कानपुर के गड्ढों सी हो गई है
"जिंदगी"
झटके बहोत है,
सुकून जरा सा।....-
दिन तुम्हारी यादों में
रातें चांद को देख कर कटती है ,
कानपुर से नोएडा तक की दूरी,
सात समंदर पार जैसी लगती है |-
जिस दिन मिलोगे तुम उस दिन अपने भी अधूरे इश्क की मुकम्मल कहानी होगी
उस दिन कुछ नहीं मांगूंगा मै रब से जिस दिन
इस बाजीराव के साथ उसकी मस्तानी होगी-
सरकारी संवासिनी गृह में
सात किशोरियाँ गर्भवती होती हैं तो
सरकार कहती है
खबरदार जो किसी ने भ्रामक पोस्ट किया तो
किसी न्यूज चैनल ने यदि होस्ट किया तो
अब धीरे-धीरे गर्भ गिराया जाएगा
कागज पत्तर का साक्ष्य मिटाया जाएगा
फिर प्रस्तुत किया जाएगा
ये सातों तो बाहर से ही पाप लेकर आई थीं
वो किशोरियाँ जो दस से अधिक महीने पूर्व
सरकारी संवासिनी गृह में लाई गई थी-
छुप गए है वो
चाँद सितारे आज धुंध में,
ताकि ढूंढ ना सके ये इंसान
फिर उनको कभी।-
अपने ख्वाबों की यादों का,
एक पन्ना मोड़ आया हूँ।
दिल पर पत्थर रखकर,
मैं, "कानपुर" छोड़ आया हूँ।।
-अव्यय अवस्थी।।-
नावज़ीशे इश्क़ में हद होने लगी
उनकी आँखों में आँखे खोने लगी
दीदार को तरसते रहे हम रातभर
और इंतज़ार में रात लंबी होने लगी-