ना पूछा उसने ना मैंने बताया
बेहाल सा मेरा हाल भी चला गया,
वो गये थे जो छोड़ के निशानी अपनी
धीरे-धीरे वो ख़्याल भी चला गया,
देखी इंतज़ार में सारी तारीखें
औऱ देखते ही देखते साल भी चला गया,
उम्र ने ज्यूं-ज्यूँ पैर फैलाये
ज़िन्दगी का सारा मलाल भी चला गया,
ज़िन्दगी की परीक्षा में कई उत्तर छुटे
अब औऱ मेरे जीने का सवाल भी चला गया..!
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