" मैं और मेरी तन्हाई "
लोग देखते हैं सिर्फ मेरी ये हंसी
लोग देखते हैं सिर्फ मेरी ये हंसी
जिसके पास रो सकूं मैं सुकून से
ऐसा कोई शख्स मेरे आस पास नहीं
वक्त बीत जाता है यूं ही आते जाते
हर पल इन्तजार करने वाला मेरा कोई खास नहीं
कतरा कतरा बिखर रहे है खुद में ही
जो संजो के रखें इतना कोई दिल के पास नहीं
मैं जग रही हुं और ये चांद भी जग रहा हैं
हम दोनो जैसा इस जन्हा में कोई उदास नहीं-
एक दूसरे जैसा होना जरूरी नहीं है,
एक दूसरे के लिए होना जरूरी है।-
तेरे जन्म से केवल तू नहीं,
तेरी मा भी जन्मी है।
ख्याल रख उसका,
वो तेरी जिम्मेदारी है।
पाए तू खुशी का चमन
महके वो आंगन,
जहां हो तेरा कदम।
तेरा नाम है हाथो कि लकीर जिसके,
खिले उसकी दुनिया तुझसे।
महकती रहे तू उससे,
यही दुआ है मेरी उससे।
जन्मदिन हो मुबारक,
तुझे तेरी नई दुनिया भी मुबारक।-
स्त्री एक मौन भाषा!
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"बूंदो"से मिलकर
बने जल की तरह,
शांत और सौम्य
होती है स्त्रियां !
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गीतांजलि गीतों की अंजलि
जो निस-दिन गाता जा रहा
पुष्पांजलि देता देश को
जीवन पुष्प चढ़ाता जा रहा,
जो जगा रहा सोतों को
रोतों को हसाता जा रहा
वहीं राष्ट्रभक्त है
जो जीवन कमल
खिलाता जा रहा— % &-
ये जो सांवली सी रात रहती हैं
संग मेरे हर जज्बात बहती हैं
टूटना , बिखरना , फिर से सवरना
बे-दर्द , बेपनाह उदास रहती हैं
खामोशी , तन्हाई और सन्नाटा
मेरी सबसे मुलाकात रहती हैं
नींद नही आती नम आँखों में
ईक झटपटाहट सी पास रहती हैं ..-
अंजलि में मैंने रखा है
कविता रूपी जल
जो समाप्त हो जायेगा
धीरे - धीरे रिस कर...
हाँ, दोबारा भरा जा सकता है,
किसी और के द्वारा रिक्त स्थान...
पर मैंने मिलाया है कविताओं को
प्रतीक्षा के श्वेत वर्ण से,
जिसकी अमिट छाप रहेगी
मेरी हथेलियों पर,
जब तक हथेलियों में रहेंगे
तुम्हारे लिए, तुमसे मिले
प्रतीक्षा के शब्द...-
ये दौलत बड़े ही काम की,
दौलत बड़ी बेकाम की ।
कमाया मिलकर दोनों ने,
लगी अंबार दौलत की ।
अचानक स्वार्थ आया जब,
बनी जंजाल दौलत ही ।
कल तक जान देते थे,
एक दूजे के लिए दोनों ।
हुए हैं जान के प्यासे,
एक दूजे के अब दोनों ।
बने हैं आज दुश्मन वो,
एक माता के जाए हैं ।-
आज बस एक वादा करों कि
फिर कभी वादा ना करोगे।
तुम अपने साधारण से भी
बात पर खुद को अटल रखोगे।।
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शांत और थोड़ी शर्मिली हूं,
लेकिन मुंह पर बोलती हूं,
पीठ पीछे नहीं वॉर करती हूं।
रंग की भी मै सावली हूं,
सुशील और संस्कारी हूं,
हां , मै महतो परिवार की कन्या कुमारी हूं।
मै अंजलि कुमारी हूं।।-