23 MAR 2018 AT 8:04

चार रोज़ भूखा रहने के बाद भी, जब उसने अपना पहला निवाला बांटा था
तब जाकर मैं जीवन में पहली बार करुणा का अर्थ समझ पाया था
ना जाने कैसे उस निर्धन सी बुढ़िया ने इस स्वार्थी जग में किसी अनजान को अपनाया था
कैसे कर लिया उसने ये, क्या जतन किए, जो मन में उसके ये खयाल आया था

- Swasti (Odyssey)