Suresh Punsal  
1.0k Followers · 2.3k Following

...कुछ लफ़्ज़.. कुछ ज़िक्र... कागज़-क़लम...और एक तुम
Joined 29 May 2017


...कुछ लफ़्ज़.. कुछ ज़िक्र... कागज़-क़लम...और एक तुम
Joined 29 May 2017
16 MAY 2021 AT 16:35

जैसी करनी, वैसा फल...

आज नही तो कल...॥♡ऽp..!✍

-


12 APR 2021 AT 6:31

अपनो में रहे...
अपने में नही...॥♡ऽp..!✍

-


28 APR 2020 AT 23:51

हाय रे हाय ये रिस्ते भी... बीड़ी से होने लगे है
Time पर फुक न मारु तो बुझ से जाते है...॥♡ऽp..!✍

-


25 APR 2020 AT 16:00

कलयुग में कल्याण की
कल्पना मात्र काल्पनिक है

-


25 APR 2020 AT 13:11


इंसानी फितरत बड़ी निराली है याँरो , अब उन्हें उड़ने को " पर " चाहिए...

और " परिंदे सोच में " , क्या अब हमे रहने को " घर " मिलेंगे...॥♡ऽp..!

-


24 APR 2020 AT 16:58

जलाकर मुझे, मेरी राख भी फूंक दोगे... तो क्या होगा,

" जिंदा हूँ " रूह में उसके, अब मार भी दोगे तो क्या होगा...॥♡ऽp..!✍

-


24 APR 2020 AT 1:23

बडे एहतियात से बोले महबूब मुझसे...
अगर इश्क़ है तो ज़ुदा रहो हमसे...॥♡ऽp..!✍

-


7 APR 2020 AT 22:20

बेपरवाह यादें...

जनाजे के साथ चलेगी क्या...?
कत्ल हुआ मेरी महोब्बत का

अब तू भी जलेगी क्या...?

-


5 FEB 2020 AT 16:43

अनजान बनके आयी थी...
वा आदत बनके रे गी...

-


13 JAN 2020 AT 23:49

में तो ख़ुदा का दीवाना हूँ...

इश्क़, महोब्बत मेरे पल्ले नही पड़ता...॥♡ऽp..!✍

-


Fetching Suresh Punsal Quotes