सूखा सा पड़ गया चतुर्दिक संबंध हो या संवेदना क्या कहिए
पानी नदी में हो ,नलके में या आंखों में बची रहनी चहिए ।-
Sunita Agarwal
(नेह सुनीता)
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Just a home maker
Joined 15 November 2016
22 MAR AT 20:26
8 MAR AT 12:38
तमाम आजादी के बाद भी अपने निर्णय स्वयं लेने का अधिकार एवं किसी के निर्णय से असहमत होने का अधिकार नहीं मिलने तक
हे स्त्री ,तुम्हारी जंग जारी है ।-
8 MAR AT 9:44
स्वाबलंबन का गहना पहन
आत्मसम्मान की बिंदी लगा
शिक्षा की चूड़ियां हाथों में
निडरता की पायल डाल
संकोच का घूंघट हटा
हे नारी तुम करो नव सिंगार ।
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18 FEB AT 12:36
छोड़ जाऊँगी अपनी देह
अपनी कविताओं के रूप में
मुझे यकीं है एक दिन तुम लौटोगे
और तुम्हे मेरी जरूरत पड़ेगी ।-
26 JAN AT 23:55
गण के लिए हो तंत्र
सद्भावना एवं विकास हो मंत्र
यही सच्चा है गणतंत्र ।-