क्या हम हुजूमे सियासत नहीं समझते हैं?
हमें बुला के वो मज़हब पे बोलता क्या है?
कि बोलता नहीं कोई, पता सभी को है,।
"गली गली में है जो इन दिनों, बला क्या है"?-
Sube Sujan
(सूबे सिंह सुजान,)
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Joined 26 December 2017
13 JUN 2022 AT 22:40
7 JUN 2022 AT 20:44
जिसने दुनिया को समझा है,
उसको सब कहते पगला है।
उसने दुनिया को समझा है,
जो ख़ुद,ख़ुद से खूब लड़ा है।
वैसे तो वो अच्छा लगता है,
पर चेहरे पर चार बजा है।
मेरे मात पिता लड़ते हैं,
वैसे उनमें प्यार बड़ा है।
सच में दुनिया यूँ लगती है,
जैसे शंकर नाच रहा है।
चिल्लाने से क्रोध बढ़ेगा,
"चुप रहने में और मज़ा है।"
सूबे सिंह "सुजान"
कुरूक्षेत्र हरियाणा-
24 MAY 2022 AT 23:35
पेड़ को पानी दिया, फिर मुस्कुराया अपने आप,
इस तरह उसने,अंधेरे में उजाला कर दिया।
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18 MAR 2022 AT 23:06
हर अंग में तरंग उठी तेरे संग संग,
दिल से उड़ा है रंग, तेरे गाल पे लगा।-
17 MAR 2022 AT 11:57
उधर कोई गीत गा रहा था
इधर कोई छटपटा रहा था।
वो जो मेरा, रास्ता रहा था,
वो टूट कर दूर जा रहा था।
नदी में जो रेत बह कर आया,
नया किनारा बना रहा था।-
17 MAR 2022 AT 11:53
रंगों के त्योहार होली पर्व पर हार्दिक शुभकामनाएं व बधाई।
आपका परिवार मंगलमय रहे-