हैं फिर भी मगरूर
तनख्वाह थोड़ी भारी है पर
चौबीसों घंटे मजबूर
मौज मस्ती से रहते हैं
लेकिन ये कोसों दूर
बैल हैं ये कोल्हू के भैया
पर नाम से हैं मशहूर
मई दिवस के अवसर पर इनको
हैं शुभकामनाएं भरपूर-
Poet by heart-
Word's creamer ;
Engineer apart !"
LEO:: Wish me on 10t... read more
तेरे ख़्यालों में खोए
थक गये थे हम बहुत-
रात भर खूब सोए !
सिलसिलेवार, कई ख्वाब जुड़ने लगे -
संग-संग हम , आकाश में उड़ने लगे !
नींद टूटी जब, फफक-फफक के रोए-
तेरे ख़्यालों में खोए,
थक गये थे हम बहुत-
रात भर खूब सोए !-
दिया है हमने तुम्हीं को ये दिल, पर-
खेल कर सिर्फ, अपनी ही जान पर !-
Traffic lights regulate our movements !
Similarly our lives also receive treatments,
To make our routine journeys, normal.
Wish we don't take any risk, in breaking a signal !
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थक गये थे हम बहुत-
रात भर खूब सोए !
सिलसिलेवार, कई ख्वाब जुड़ने लगे -
संग-संग हम , आकाश में उड़ने लगे !
नींद टूटी जब, फफक-फफक के रोए-
तेरे सपनों में खोए,
थक गये थे हम बहुत-
रात भर खूब सोए !-
To be handled with cares !
Through your heart-
You should look at others !
This transparency-
Has to be from outer surfaces aswell,
For others to visualise the inside -
As to how do hearts break &
Experiencing sorrows, they swell !
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दुनिया छोड़ के जाते जाते-
इक अंतिम बार संग रहे हमारा !
कुछ पल जान रहेगी शायद,
मिलें अगर हम किसी जनम में -
काश फिर रहे तेरा ही सहारा !-
पहलगाम !
पूछा नाम -
फिर कत्लेआम !
ये कैसा पैग़ाम?
हिल गई अवाम -
अब देखो अंजाम ....
फिर बनने ना देंगे उनका काम -
संभलके जाना अमरनाथ धाम !
कर लो अपना इंतजाम -
लेना है हमले का इंतकाम !
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