Sudeep Bhattacharya   (©SUDEEP 'The Deep')
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Joined 26 December 2016


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11 HOURS AGO

Animal


I am not an angel !

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26 APR AT 15:26

It would have said -
"Don't mingle with the darkness ever -
You will lose your best friend forever!"

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25 APR AT 16:29

अपना ही चेला होता है
पर आदमी !

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25 APR AT 14:11

कोई अकस्मात मिल गई!
धूल धुसरित पीली मलिन -
पांपड़ सी काग़ज़ी चिरकुट पर,
अस्पष्ट अधकचरे अक्षरों में लिखी गई!
मानो बिसरे कई इतिहास कह गई,
स्मृति वन में यादों की कलियां खिल गई-
मेरी पुरानी कविता थी -
खोई,आज अचानक फिर मिल गई!

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24 APR AT 16:53

एक सपना....
एक सपना नींद में चलता रहा,
छुप के वो पलकों तले पलता रहा !
मुझको पता जो कुछ हुआ है इन दिनों-
जाने क्यूं ये सपना मुझे छलता रहा !
थी ख्वाब में वो सर झुकाए यूं खड़ी -
हाथों से मुखड़ा छुपाना उसका मुझे खलता रहा !
धड़कनें थमने लगीं, आंखों का पानी जम गया -
अश्क नम शबनम सा बनके धीरे-धीरे गलता रहा !
बेजुबां ख़ामोशियों ने छेड़ी ऐसी दास्तां -
बन के शम्मा मैं यूं ही चुपचाप सा जलता रहा !

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24 APR AT 11:54

A huge sphere, made of molten gold !
It's not to be seen by those -
For sound sleeps, whose horses are sold !

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23 APR AT 15:31

A pear that still shakes the literary world !

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22 APR AT 6:11

उनसे नज़र मिलते ही तनबदन में कुछ ख़ास होता है,
दिल धड़कता भी है, उसी वक्त यह अहसास होता है!

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20 APR AT 21:29

One two three
Plant one tree
Rains are free !

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20 APR AT 6:42

मेरी उदासी के आंगन का दीप फिर से जला दो-
मैं थक कर रुकने लगा हूं मुझे फिर से चला दो!
चुप्पी जो मेरी, शोर के पत्थरों से है चट्टान बनी -
मेरे बुत को झकझोर कर उस पर्वत को हिला दो!

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