पकड़ जन्नत के फ़रिश्ते तेरे कदमों में मैं रख दूँ,हुकूमत धरती से अम्बर तक तुम्हारे "शान" की ही तो है। - शान
पकड़ जन्नत के फ़रिश्ते तेरे कदमों में मैं रख दूँ,हुकूमत धरती से अम्बर तक तुम्हारे "शान" की ही तो है।
- शान