कुछ ख्वाहिशें, अधूरी रह ही जाती है ज़िंदगी में, गनीमत यह रहती है, कि हम उन्हें चाहकर भी पूरी नहीं कर सकते। -
कुछ ख्वाहिशें, अधूरी रह ही जाती है ज़िंदगी में, गनीमत यह रहती है, कि हम उन्हें चाहकर भी पूरी नहीं कर सकते।
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