I become. TENSION. Free
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Sonia Aggarwal
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Joined 25 November 2020
10 MAR 2022 AT 14:22
उसने "नाम " मेरा लिखा कागज पे
और "नाव "बनाकर :चलता; कर दिया ___-
17 DEC 2021 AT 21:38
उन्हें क्या पता
कैसे कटती है
उनके बिन__
एक एक याद
ऐसे आती
जैसे हम रहे हो
उनके नाम के तारे गिन __
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17 DEC 2021 AT 21:48
किरण
कण कण में फैल गई
नन्हीं कली जैसे खिल गई
भोर की खुशी चहुँ ओर छा गई
नवयुवती की तरह यौवन में समा गई
गाल गुलाबी नैन शराबी
छमक छमक नृत्य रूपी भंगिमा भा गई
उछलती कूदती ठहरती कभी मटकती
कभी फुदकती कभी लहराती
इस कोने से उस कोने में
पल भर में पूरी और हर ओर
देखो जरा वो तो अपनी छाप छोड़ गई
पलक झपकते ही वो अंधेरे रूपी दानव पर
अपना पूर्ण अस्तित्व लेकर
छा गई छा गई
किरण
कण कण में फैल गई___
साभार __सोनिया-