19 APR 2018 AT 21:37

ज़िंदगी-ए-तल्ख़ कुछ बढ़ती जा रही
कमाल-ए-सब्र भी अब घटती जा रही
हांसिल ना अब आवाज़-ए-बाज़गश्त भी
जिंदगी-ए-कफ़स-बा-दोश थमती जा रही

- Misty Sierra