ज़िंदगी-ए-तल्ख़ कुछ बढ़ती जा रहीकमाल-ए-सब्र भी अब घटती जा रहीहांसिल ना अब आवाज़-ए-बाज़गश्त भीजिंदगी-ए-कफ़स-बा-दोश थमती जा रही - Misty Sierra
ज़िंदगी-ए-तल्ख़ कुछ बढ़ती जा रहीकमाल-ए-सब्र भी अब घटती जा रहीहांसिल ना अब आवाज़-ए-बाज़गश्त भीजिंदगी-ए-कफ़स-बा-दोश थमती जा रही
- Misty Sierra