एक क्लिक से सामान घर पहुंच तो जाता है,
पर बिटिया को चॉकलेट दो ये अब कौन कह पाता है।
देश विदेश से सामान घर बैठे मिल तो जाता है,
पर बड़े दिनों बाद आए हो ये अब कौन कह पाता है।
खरीदे हुए समानों को घर बैठे लौटाना आसान हो जाता है,
पर फिर आइयेगा कहने वाला वो शख्स कहां मिल पाता है।
आपका समान आया है सर,ये हर दिन सुनने को मिलता है,
पर बेटा तुम कैसे हो ये अब कोई नही दोहराता है।
वो ऑटोपे से हर महीने का राशन घर तो आ जाता है,
पर कुछ बढ़िया आया है ऐसा कह कर वो अपनापन नहीं जता पाता है।
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