सीता राम शर्मा चेतन  
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Joined 5 January 2018


Joined 5 January 2018

जय माँ भारती ! सुप्रभात ! 🙏🏻

यदि हम चाहते हैं कि हर भारतीय देशभक्त हो तो इसके लिए हमें दो काम प्रमुखता से करने होंगे । पहला काम -
हर भारतीय के घर में माँ भारती की तस्वीर होनी चाहिए ताकि हमारे और हमारी संतानो के मन-मस्तिष्क में माँ भारती के प्रति अगाध प्रेम, निष्ठा, आदर और श्रद्धा का भाव और आचरण निरंतर विकसित होता रहे ! दूसरा - देश के विरूद्ध कुछ भी करने, बोलने और लिखने पर त्वरित कठोर दंड का संवैधानिक प्रावधान हो ।
स्वामी विवेकानंद ने कहा था - यदि भारत को समर्थ और शक्तिशाली राष्ट्र बनना है तो उसे अगले पचास वर्षों तक सिर्फ और सिर्फ राष्ट्रदेव की आराधना करनी होगी । वर्तमान परिस्थितियों में हम कह सकते हैं कि यदि भारत को सुरक्षित और विकसित राष्ट्र बनाना है तो हर भारतीय को अब आवश्यक रूप से राष्ट्रदेव की भी आराधना करनी चाहिए ।

सीता राम शर्मा " चेतन "

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जय माँ भारती ! सुप्रभात ! 🙏🏻
व्यक्ति को बदलना है तो समाज को बदलो । समाज को बदलना है तो देश को बदलो । देश को बदलना है तो देश के नियम कानून और उसे लागू करने वाली पूरी व्यवस्था को बदलो । निष्कर्ष स्पष्ट है - सभ्य, शांतिपूर्ण, सुरक्षित और विकसित देश समाज के लिए सबसे ज्यादा जरूरी है सुदृढ, सक्षम और शक्तिशाली कठोर नियम कानून वाली मानवीय व्यवस्था का निर्माण करना । दुनियाभर के देशों में उनके तमाम आतंरिक संकटों और कई बाहरी संकटों का मुख्य कारण यही है ! आइए, हम अपने देश में कानून का राज स्थापित करने का प्रयास करें !

सीता राम शर्मा " चेतन "

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अबकी रंग !
परिवार के संग !
सबके भिगोएं !
शब्दों से अंग !
रंगों के अलबेले त्योहार होली की आप और आपके पूरे परिवार को हमारी हार्दिक बधाई और रंग बिरंगी अशेष शुभकामनाएँ !!
🌷🌻🌹🍀🙏🍀🌹🌻🌷

सीता राम शर्मा " चेतन "

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नववर्ष 2021 मानव, प्रकृति, राष्ट्र और वैश्विक कल्याण का वर्ष हो, यही आत्मीय इच्छा है और ईश्वर से प्रार्थना भी !

आप सभी मित्रों को नववर्ष 2021 की हार्दिक बधाई और अशेष शुभकामनाएँ !

सीता राम शर्मा " चेतन "
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सभ्यता और संस्कारों की रक्षा भावनाओं में बहकर नहीं की जा सकती और इनके बिना मनुष्य पशु समान है । गलती होना मानवीय जीवन का हिस्सा है और उसे ना सुधारना या दोहराते चले जाना मूर्खता और दुष्टता ।

सीता राम शर्मा " चेतन "

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मानिए या मत मानिए -

खुद से नफ़रत करने वाले लोग
किसी से सच्चा प्यार नहीं करते !
होते हैं कुछ पागल किसी पर मर मिटने वाले
सच उनका भी यही,वो उनके भी नहीं रहते !
ना मारना अच्छा है किसी को, ना ही मरना
वही करते हैं ऐसा, जो खुद से प्यार नहीं करते !

सीता राम शर्मा " चेतन "

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बस यूं ही सुबह-सवेरे धूप का आनंद लेते हुए - - -
दशहरा, दिवाली, ईद, क्रिसमस
ये त्यौहार हैं या फिर ईश्वर के साथ इस मानवीय संसार को बांटने के बहाने !
सच यह है कि सब मानवता की भलाई के लिए महान प्रयास करने वाले विशिष्ट मनुष्यों के जीवन से जुड़े दिवस हैं ! दुर्भाग्य से उनके मानवीय आचरण को अपने जीवन में नहीं जी पाने वाले मनुष्यों ने उन महान मनुष्यों को ईश्वर बना यह सिद्ध कर दिया कि ऐसा जीवन ईश्वर ही जी सकते हैं, हम साधारण मनुष्य नहीं । यह उनके प्रति सम्मान है या उनका अपमान ?
ये महान मनुष्य भी मानवीय जीवन जीने वाले साधारण मनुष्य भर थे । यह सत्य जिस दिन मनुष्य जाति समझ जाएगी और उस विशिष्ट जीवन को साधारण जीवन समझ जीने लगेगी, उन महान मनुष्यों के प्रति सच्ची श्रद्धांजलि होगी । जब तक ऐसा नहीं होगा ये महान लोग और इनसे जुड़े इन दिवसों का लाभ सिर्फ गारे मिट्टी के बने हमारे घरों को साफ-सफाई के रूप में मिलता रहेगा, हमारे मानवीय शरीर और जीवन को कदापि नहीं । फिलहाल हमारा मनुष्य जगत इस सत्य को समझ और फिर उसे अपने जीवन आचरण में उतार पाए, उसकी प्रतीक्षा है - - -

सीता राम शर्मा " चेतन "

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लेखन ना मेरा शौक है और ना ही लक्ष्य ।

बस, विवशता है मेरी !!


सीता राम शर्मा " चेतन "

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सच्चा प्रेम !

जब भी ज्यादा कोशिश की
तुम्हें भूलने की
तुम कुछ ज्यादा ही याद आए !

ठीक ही कहा था तुमने
तुम मुझे कभी भूल नहीं पाओगे
जब भी ऐसा चाहोगे
ठीक मेरी ही तरह
ज्यादा याद आओगे !!



सीता राम शर्मा " चेतन "

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जाति और धर्म भेद की समस्या बड़ी
इनसे हो रही कई और समस्याएं खड़ी 
आओ समझें इसका कारण क्या है
आओ ढूंढें इसका निराकरण क्या है ?

सत्य सनातन सबका ईश्वर और धर्म एक 
अशिक्षा, अव्यवस्था से आया यह भेद
आओ जान सत्य अब यह भेद मिटाएं
हैं सब हिंद के हिंद के हो जाएं !

आओ राष्ट्र को सोचा जाए - - - 


सीता राम शर्मा " चेतन "


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