किस्मत में नहीं था तेरा और मेरा मिलना जान
इस लिए शायद तुझे कोई और पसंद आया
पर मेरा क्या कसूर था इतना बताओ हे भगवान
जो बस विरहा का मौसम मैने हर वक्त है पाया-
मेरी कलम हि मेरी बडी पेहचान है इस मे अन... read more
कहते है राधासा इंतजार और प्रेम किसी ने ना किया
और हमे लगता है, की राधा सा नसीब हमने है पाया-
क्या है तुम्हारे पास देने के लिये
मेरे पास तेरी यादे है बेशूमार
तूने तो दे दिये गम मुझे बेशूमार
और छोड दिया तडपने के लिये-
माझी दिवसाची सुरुवात आणि रात्रीचा शेवट आहेस तू
दिवसा आठवणीत आणि रात्री स्वप्नात आहेस तू
मी कस व्यक्त करावे माझे प्रेम जे तुला दिसत नाही
माझ्यासाठी तर सर्वस्व आहेस तू-
मैं तो दिल से ही निभाता हूं पूरा रिश्ता
ना जाने लोग क्यों अधूरा छोड़ जाते हैं?-
बड़े रहमसे बेरहमी की आपने
के मन को ये दर्द सहा ना जाएगा
चले गए देकर ऐसा दर्द आपने
के ये मेरी अब जान लेकर जाएगा-
वाच कधी तरी मला.....
मग समजेल किती प्रेम आहे मला
जपतो मी तुझ्या प्रत्येक स्मृतीला
आनंद मानतो आता विरहाला
अन् शब्दात व्यक्त करतो तुला
वाच कधी तरी मला.....
मग तुलाही कळतील माझ्या यातना
अन् कशी करतो मी तिची जोपासना
माझ्या काळजात तुझ्याच घोषणा
सोसतो कसा तुज विन हा त्रासना-
देखती थी तुम जब जब ऐसे
मन में होती थी अजीब उलझन
मैं जो सोचता था वो सच था
या कुछ और सोचता था तेरा मन-