Siddharth Gautam   (Siddharth)
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Student
Joined 28 August 2020


Student
Joined 28 August 2020
12 MAY 2024 AT 20:33

Give yourself a chance !

There was a time in the life of Abraham Lincoln when he could commit suicide.
This period wasn't short, it took nearly 1.5 years for him to recover from trauma.
Around 1840s he loved a girl who died . His marriage was fixed to a girl whom he didn't like .
Everything was set for marriage but he couldn't accept the reality. On day of marriage he didn't go .
He was found partially mad in his office next morning.
The doctor who diagnosed him , told his friends that he would commit suicide if he didn't recover from trauma.

Lincoln was looked after by his friends.
He took his time to recover , he gave himself a chance.
We all know the contribution of Lincoln in the struggle against slavery.

That's how life is 🤗
Give yourself a chance, no matter how much time will it take !

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28 APR 2024 AT 0:29

तुम सत्य और मैं शब्द
सत्य शब्दों से बयां नहीं होता
शब्द सत्य के बिना पूर्ण भी नहीं होता
सत्य मौन में है
अकेलेपन में है
शब्द दुनियादारी में है
लोगो के बीच में है

शब्द बदलता रहता है
सत्य एक सा रहता है
शब्द से पहले भी सत्य जैसा था
शब्द के बाद भी सत्य वैसा ही है
जैसे, तुम बिलकुल वैसे ही हो जैसे मिलने से पहले थे
तुम बदले नही
मैंने बदलना छोड़ा नहीं

शब्द की सार्थकता सत्य में है
किन्तु ये चीज उसके नसीब में नहीं है
शब्द और सत्य के बीच एक मौन है
जैसे तुम्हारे और मेरे बीच जो हमे अलग रखती है

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26 FEB 2024 AT 22:12

मैंने अपने गांव में देखा
सुबह ५ बजे मजदूरों को साइकिल
उठा कर शहर जातें हुए
उनके बच्चों को गांव के अंदर मजदूरी करते हुए
उनके घर की औरतों को खेत में मजदूरी करते हुए
उनके घर के सबसे बुजुर्ग इंसान को दुकान चलाते हुए
मैंने उन सब को गरीबी में देखा
रोते हुए देखा
पर कभी एक किताब नहीं देखी
उनके घर में

खैर,
देश में आजादी है
प्रदेश में आजादी है
गांव में आजादी है
बस गरीबी में आजादी नहीं हैं
ये बात इतनी आसानी से
समझ नहीं आती हमें

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11 FEB 2024 AT 19:46

इश्क एक एहसास हैं
जो अपने आप में मुकम्मल हैं
जैसे चांद
पूरा भी अच्छा लगता हैं
अधूरा भी

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30 SEP 2023 AT 17:01

वक्त थोड़ा ठहरो
अभी मैंने उसको अच्छे से नही निहारा है
उसकी आंखें को मैंने अभी नही झांका है
इतनी जल्दी भी क्या है
रुक जाओ
अभी मैंने उसको नही पुकारा है
कुछ बातें को नही बताया है

वक्त थोड़ा ठहरो
अभी आंखों ने आंसू नही बहाया है
अभी तो दिल भी नही तड़पा है

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11 JAN 2023 AT 23:12

दोस्त, मैं तुम्हें गले लगाना चाहता हूँ
इससे पहले की स्कूल का आखिरी घंटा भी बज जाए
सब नदी की धारा के समान अलग अलग दिशाओं में निकल जाए
मैं तुम्हें गले लगाना चाहता हूँ।

मैं तुम्हारे आलिंगन में अपना इतिहास ढूंढना चाहता हूँ
14 साल में मेरे द्वारा किए गए विकास
उस विकास से उपजे विकार और
उन विकारों के कारण खोई मेरी आत्मा की आभा
को पाने की
एक चेष्टा और करना चाहता हूँ
दोस्त, में तुम्हें गले लगाना चाहता हूँ।

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31 DEC 2022 AT 19:51

मैं चाहता हूँ‌ !
जो निराश हैं उन्हें ‌
कुछ पल अकेला ही छोड़ दिया जाए
वो अकेलेपन में सृजन तलाशेंगे
जो बातें नहीं होती किताबें पर लिखी
वो उन बातों ‌को अनुभव ‌कर आंएगे
वो देखेंगे मानव का व्यवहार,
समझेंगे खुद के मन के राज
धारण करके नया अवतार
आएंगे वो फिर
पर जीतने की इच्छा का लिबास पहनकर
वो खुद को खुद से हारने के लिए आएंगे।



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31 DEC 2022 AT 19:39

You will be life changing year for me.

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22 DEC 2022 AT 23:17

अंदर से टूटकर ,अपने ही मायाजाल से ऊब कर
कुछ पत्थर सा होकर, कुछ मूढ़ सा बनकर
आया था मैं यहां कुछ बेशकीमती चीज खोकर।


यहां आने के बाद , होश आया
"जीवन ही एकमात्र बेशकीमती चीज है" का ज्ञान पाया ।


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7 DEC 2022 AT 22:15

निराशा , हताशा भी माया है
ये बहुत देर बाद समझ आया है ।

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