23 NOV 2017 AT 1:34

आजकाल लिखने का दिल नही करता
शीशे वाले इंसान को समझने का करता है
न जाने कौन है, क्या चाहता है ?
इस नकाब के पीछे छुपे चेहरे को
ढूँढने का दिल करता है ।

- SHWETA