Shubhra Dey   (©️Shubhरा *शुभ्रा* की कलम से ✍️)
50 Followers · 19 Following

read more
Joined 22 January 2018


read more
Joined 22 January 2018
1 JUL 2020 AT 0:02

मुझे ज़रूरत नहीं तेरे खुद्दार मोहब्बत की,
मैंने गमों को अपना मेहबूब बना लिया है।।

-


27 SEP 2019 AT 13:14

कह दो ख़ुदा से कि वो मेरी तक़दीर न लिखें,
मैं अपना मुकद्दर ख़ुद बनाने की काबिलियत रखती हूं।

-


21 SEP 2019 AT 14:09

तुम क्या जानो क्या होती है तन्हाई,
वफ़ा की किस्मत में क्यों लिखी होती है जुदाई,
तुम तो बारिश के बूंदों की तरह बह चले गए,
हम पतझड़ के पेड़ जैसे सुखी ज़मीन पर ही रह गए।।

-


27 AUG 2019 AT 12:39

जहां कहीं भी देखो खुदा का नूर है,
दिलवालों में तेरा ही तो नाम मशहूर है,
तेरे राह क़दम पर चलने को तैयार है नेक बंदे,
फ़िर भी न जाने क्यों लाखों का दिल मगरुर है।

-


27 AUG 2019 AT 12:26

मकानों के जंगल में घर खो गए हैं
आर्जुओं कें पिंजरे में जज़्बात खों गए हैं
नफरथों के सैलाब इतने हैं कि
मुस्कुराने वालें होट खो गए हैं।।

-


25 APR 2019 AT 18:57

मर मिटते थे तेरी सादगी में हम,
ऐ बेवफ़ा, तेरी बेरुख़ी
मुझे जीतेजी मार गयी।।

-


1 JAN 2019 AT 7:58

नये साल की नयी अभिलाषाएं,
कुछ अधूरे सपने तो कुछ नयी तमन्नाएं,
पुराने लोंगो को साथ लेकर चलना है,
नए साथियों को भी संग जोड़ना है,
मानवता से प्रेम, दया व आदर का मुख
कभी नहीं मोड़ना है,
हर्षोंल्लास से भरा हो आप सबका नववर्ष,
न रहनें दें अपने दिल पर बीतें ग़मों का बोझ।।

-


4 DEC 2018 AT 16:38

हारता वही है जिसने हार मान ली है।।

-


13 AUG 2018 AT 23:36

तक़दीर से बिछड़े, तक़दीर से मिले,
वो ख़ुदा की कैसी बरक़त थी,
बन गए मोहब्बत के सिलसिले।।

-


8 JUL 2018 AT 14:03


तुम जाते जाते ख़ामोश लफ़्ज़ों से कह गए बातें अनकहीं,
तन्हाई का यूँ सबब दिया मुझे, कि
ग़मों का ये कारवां रुकता ही नहीं।।

-


Fetching Shubhra Dey Quotes