19 JUL 2018 AT 2:02

कल तेरा शहर था, आज मेरा शहर है,
गुनाहगार हैँ सब , अपनो को अपनो का भी डर है,
तुम भी चुप हम भी चुप जख्मी ये पहर है,
कौन लड़े जंगे इंसाफ तेरे मन मे भी ज़हर है मेरे मन में भी ज़हर है

- Modi shubham jain