A letter from happiness
to the miserable human.
—captioned-
Shreyashree Rai
(Shrey)
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Joined 24 May 2020
31 MAY 2024 AT 1:56
जनाब आपकी हर बात याद रखने की आदत यूं लगी
आपने एक दफा कहा था "समझदार बहुत हैं हम।"
फिर पूछ बैठे "कहीं मोहब्बत तो नहीं हो गई हमसे?"
और कमबख्त समझदारी परखने की आदत भी हमारी,
जो पहुंचे आपके आंगन, जवाब में
किताबी एक गुलाब छोड़ आएं।
फिर खफा भी यूं हुए आप इन आदतों से हमारी,
दिल संभाल एक खत में,
इस दफा खतों की पूरी किताब छोड़ आएं।
—श्रेय-
14 JUL 2023 AT 1:33
दिल है आईना तो नहीं
आप भूल जाने को कहते हैं
आपका वो एहसास याद करता है
दीदार तो नहीं।
—श्रेय-
28 MAY 2023 AT 22:25
The heart sees itself
through rose-tinted mirrors,
bleeding still; yet so unscathed
to its eyes.-