कभी यूंही बेवजह बाघी बन जाता हूं ,
अपना फलसफा समेट बैरागी बन जाता हूं ;
बेफिजूल की हर लागी छोड़
अपने ही फसाने का अनुरागी बन जाता हूं....!!-
मेहनत मनसुबा हो चुकी हैं,
राहे जो जुदा हो चुकी हैं ;
क्या बतलाऊं मैं तुम्हें बेखुदी का सबब,
मेरे लिए वो खुदा हो चुकी हैं....!!-
Andhera kyu na ho mohtaaj roshni ka ,
Aakhir uska zikr bhi
roshni ke abhaav mein hota hai ;
Iklauti lau kyu na ho sartaaj ummeed ki ,
Andhiyaare se har waqt jeetna
uske swabhaav mein hota hai....!!-
शायद बातों को अपनी कामिल नहीं कर पाया ,
खुदकी बात रखने के काबिल नहीं कर पाया ;
तवज्जु दे दी जज़्बातों को थोड़ी सी ज्यादा ,
फिर उनको हद्द में काबु ये दिल नहीं कर पाया....!!
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कुछ दीवानगीयाँ किस्मत को मज़बूर कर देती हैं ,
सपने और हक़ीकत के फ़ासलो को दूर कर देती हैं ;
साजिशे रचना तो फितरत ही हैं उस कायनात की ,
गहरे तमस को भी पल में नूर कर देती हैं....!!-
जिन्हें हर छोटी मोटी बातों से फर्क पड़ता हैं ,
यकीनन ऐसे जज़्बातों को संभालना नर्क लगता हैं ;
मायूस हो जाते हैं वो लोगों का अजनबी रवैय्या देख ,
खामोशी ही समझदारी यही इकलौता तर्क लगता हैं....!!-
कुछ सबक यूँ मिले
कुछ यूँ हुए बेबाक ,
जुस्तजू छोड़ मंज़िल की
रूह-ए-मंजर की फिराक....-
कहीं मैं अपनी ही कला का
कातिल ना बन जाऊ ,
जिसमें मुझे माहिर होना था
उसी में जाहिल ना बन जाऊ ;
ऐ काम, इतना भी खुदमें
मुझे मशगूल ना कर ,
कि सागर सा असीमित रखना था जिसे
उसी खूबी का साहिल ना बन जाऊ....-
Sometimes you fall in place,
Sometimes you falter....
Sometimes you can't adjust,
Sometimes you alter....
Sometimes you find a shade,
Sometimes you become the shelter....
Sometimes you are mediocre,
Sometimes you are the belter....
In between so many sometimes ;
There will be times
When you ll crave for clarity ,
You ll somehow hold onto sanity....
But in those times stick with the process
And blindly trust the almighty....!!-
इस मौसम की गुस्ताखियाँ अबतक ना मैंने जानी हैं ,
बरसाता हैं ये जज़्बात या सिर्फ बरसाता पानी हैं ??-