संबंध विच्छेद
एक दूसरे की आज़माइश में
हम एक दूसरे को जब खोने लगते हैं,
पता ही नहीं चलता कब जुदा होने लगते हैं,
अक्सर एक दूसरे को समझाने में हम
एक दूसरे को समझना भूलनेलगते हैं,
मैं ही क्यों मैं ही क्यों के चक्ककर में,
जो हम हैं उसे फिर खोने लगते हैं,
एक दूसरे की शिकायतों में कही खो कर,
प्यार को भुलाने लगते हैं,
हम को तोड़ कर वो टुकड़ों में,
मैं को ऊपर रखने लगते हैं,
परवाह होती ही नहीं वहा एक दूसरे की
जहां लोग अपनी परवाह ज्यादा करने लगते हैं,
जब बिखड़ जाते हैं टूट कर
तब उसे संबंध विच्छेद कहने लगते हैं,
फिर भी होता है बहुत कुछ बाकी,
पर वो अब कह नही सकते है...
- Manisha🖤
10 JAN 2020 AT 12:12