पृथिव्यां त्रीणि रत्नानि जलमन्नं सुभाषितम् |
मूढै: पाषाणखण्डेषु रत्नसंज्ञा प्रदीयते ||
पृथ्वी पर तीन ही रत्न हैं जल अन्न और अच्छे वचन । फिर भी मूर्ख पत्थर के टुकड़ों को रत्न कहते हैं ।
* #सत्यमशिवम*- #शिवा
20 MAR 2018 AT 9:23
पृथिव्यां त्रीणि रत्नानि जलमन्नं सुभाषितम् |
मूढै: पाषाणखण्डेषु रत्नसंज्ञा प्रदीयते ||
पृथ्वी पर तीन ही रत्न हैं जल अन्न और अच्छे वचन । फिर भी मूर्ख पत्थर के टुकड़ों को रत्न कहते हैं ।
* #सत्यमशिवम*- #शिवा