जिनके होने से होती थीघर में रौनक,,, । आज वही घर मेंमेहमान बन कर आते है,,,, ।। -
जिनके होने से होती थीघर में रौनक,,, । आज वही घर मेंमेहमान बन कर आते है,,,, ।।
-
मिले हो हमे ऐसे,जैसे प्यासी जमीं को आसमां मिल गया हो,, कुछ नही था जिन्दगी में तुम से पहलेतुम जो मिले, तो ऐैसा लगा की बेजान जिन्दगीको जान मिल गई हो... -
मिले हो हमे ऐसे,जैसे प्यासी जमीं को आसमां मिल गया हो,, कुछ नही था जिन्दगी में तुम से पहलेतुम जो मिले, तो ऐैसा लगा की बेजान जिन्दगीको जान मिल गई हो...
आज कल मेरी हालत तो देखो,,, मुझे याद तो सब कुछ है,,, पर याद कुछ भी नहीं,,, -
आज कल मेरी हालत तो देखो,,, मुझे याद तो सब कुछ है,,, पर याद कुछ भी नहीं,,,
कल रात उनसे मुलाकात हुई,,एक दूजे की नई शुरुआत हुई,, खोये खोये से थे वो तन्हा अकेले,, उनसे बीते लम्हों की कुछ बात हुई,, कहते कहते रुक गए थे वो,, अधूरी मोहब्बत की कोई बात हुई,, हर साँस उनकी सिसकी भरे "शीतल"शायद अधूरी रही उनकी कोई रात हुई,, देखने मे कोरे कागज़ से थे वो,, पर रंगीन मौसम की उन पर बरसात हुई,, -
कल रात उनसे मुलाकात हुई,,एक दूजे की नई शुरुआत हुई,, खोये खोये से थे वो तन्हा अकेले,, उनसे बीते लम्हों की कुछ बात हुई,, कहते कहते रुक गए थे वो,, अधूरी मोहब्बत की कोई बात हुई,, हर साँस उनकी सिसकी भरे "शीतल"शायद अधूरी रही उनकी कोई रात हुई,, देखने मे कोरे कागज़ से थे वो,, पर रंगीन मौसम की उन पर बरसात हुई,,
जिस पल में तुम नहीं -
जिस पल में तुम नहीं
मेरे अन्तर्मन की विरह को समझने वाले तुम कौन हो.. बेरंग सी इस दुनियाँ में रंग भरने वाले तुम कौन हो.. कोई कलाकार हो या कोई इश्कबाज़ हो,, मेरे दिल पर राज़ करने वाले,बताओ तुम कौन हो... -
मेरे अन्तर्मन की विरह को समझने वाले तुम कौन हो.. बेरंग सी इस दुनियाँ में रंग भरने वाले तुम कौन हो.. कोई कलाकार हो या कोई इश्कबाज़ हो,, मेरे दिल पर राज़ करने वाले,बताओ तुम कौन हो...
कल के चक्कर में आज गवा दिया,, कल आया तो आज गवा दिया,, इसी आज कल के चक्कर मेंपुरा जीवन गवा दिया.. -
कल के चक्कर में आज गवा दिया,, कल आया तो आज गवा दिया,, इसी आज कल के चक्कर मेंपुरा जीवन गवा दिया..
कर लो दृढ़ संकल्प सभीइस देश को हमे बचाना है,, इस अदृश्य दुश्मन को हमें,मिलकर हराना है,, -
कर लो दृढ़ संकल्प सभीइस देश को हमे बचाना है,, इस अदृश्य दुश्मन को हमें,मिलकर हराना है,,
शीतल लहर सागर की,, सागर के साथ बहती हूँ,, प्रेमरस सागर भरा,सागर की प्यास मैं बुझती हूँ,, सागर से बनूँ सागर मे मिलूँबस इतनी सी ख्वाइश रखती हूँ,, -
शीतल लहर सागर की,, सागर के साथ बहती हूँ,, प्रेमरस सागर भरा,सागर की प्यास मैं बुझती हूँ,, सागर से बनूँ सागर मे मिलूँबस इतनी सी ख्वाइश रखती हूँ,,
बहुत मिला है आशीष तुमको,अपने माता पिता के प्यार से,, दया थोड़ी उन पर भी करना,जो वंचित बच्चे है माता पिता के दुलार से,, -
बहुत मिला है आशीष तुमको,अपने माता पिता के प्यार से,, दया थोड़ी उन पर भी करना,जो वंचित बच्चे है माता पिता के दुलार से,,