तू है आदि,तू ही अंत।
महिमा तेरी है अनंत।।
काल तू महाकाल तू।
रूप धरे विकराल तू।।
वर दे सज्जन को तू।
भस्म करे दुर्जन को तू।।
दया दृष्टि डालो प्रभु।
तेरे दर पे पड़ा हूँ शम्भू
शिव शम्भू, शिव शंकर।
तू साकार तू ही निरंकार।।

- शब्दश्रृंगार