4 MAR 2019 AT 11:51

तू शब्दों दास रे जोगी ,
तेरा कहाँ विश्वास रे
जोगी ,
इक दिन विष का प्याला पी
जा ,
फिर ना लगेगी प्यास रे
जोगी ।

- ✍️ अनिल कुमार