ज़िंदगी ने हमें हर मोड़ पर दिया है इक तौफ़ा,
कभी किसी को, तो कभी खुद को समझने का मौक़ा।
पर मतलबी इस जहाँ में, हर रिश्तों की कहानी है,
कभी हमारे, तो कभी किसी के दिल की परेशानी है।
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कहता है कौन 'इश्क़ के लहजे बदल गए,
कंगन कलाइयों में खनकते हैं आज भी!!
इतनी है पाक 'इश्क़ की ये दास्ताँ सुनो,
आने में वो क़रीब झिझकते हैं आज भी!!
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जाने अनजाने हम शामिल हुए हैं भीड़ में,
पहले मशरूफ रहें, थोड़े बेखबर भी।
अब खुद खो गए हैं भीड़ में।।
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मुद्दतो बाद फिर वो शाम याद आया,
बरसो बिछड़ा हुआ मुकाम याद आया।
हम तो चल पड़े थे किसी और राह में,
फिर एक मुलाकात का, तेरा पैगाम याद आया।।
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"Situations and People don't remain the same,
Everything changes with TIME."
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“अगर सारी खूबसूरती चेहरे में होती।
फिर लोग,
दिल और दिमाग की बात ही क्यों करते।”
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“अनजान बस्ती में, अपना वो घर ढूंढने चला।
कोई चलता साथ मेरे, ऐसा राह-गुजर ढूंढने चला।
कुछ खो गया था शायद, मुझको पल वो याद नहीं।
मंज़िल थी मेरी यहीं, और बंदा मैं सफर ढूंढने चला।।”
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“ज़िन्दगी वो है जहाँ कभी-कभी उम्मीद से परे कुछ ऐसा हो जाता है।
जिसे हम फूल समझते थे वो भौरा बन जाता है,
और जो भौंरा बनकर आया था, वो अपना हो जाता है।।”
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