तब लगता है भारी,
जब ज़िन्दगी में कठनाइयां हो ढेर सारी।
जब आशा की किरण दामन छोड दे,
जब अपने भी मु मोडले।
पर तुं हिम्मत न हारना,
उम्मीद का सिरा न छोड़ना।
अगले ही पड़ाव पर मिलेगी रोशनी,
और सांसों को फिर नसीब होगी
एक नई जिंदगी।।
- Shamim Merchant
25 JUN 2021 AT 15:32