24 OCT 2020 AT 10:23

रबने मुझे पंख दिए हैं
बस... मुझे उड़ने दो।
रबने मुझे सोच और ज़ुबाँ दी हैं
बस... मुझे बोलने दो।
इस यकीन के साथ
की में अपनी मर्यादा जानती हूं।
अपने आश्यने की कीमत समझती हूं।

- Shamim Merchant