26 OCT 2020 AT 19:27

जो पूरे न हो सके।
बिखरे अरमान,
पतझड़ के मौसम
की तरह होते है, सूखे पत्तो की तरह
हवा के साथ उड़ जाते है।
पर दिल मे जो अरमान अभी बाकी है
उनका खयाल रखें, उन्हें अभी मन्ज़िल तक
पोहंचाना बाकी है।

- Shamim Merchant