हर दिन हर रात...छोड़ जाती है
अपने पीछे कई निशानियाँ
उन्ही से आने वाले लम्हों की
सूरत बदल जाती है
और उन्ही सिलवटों में बुनने लगती है
नई कहानियाँ।
- Shamim Merchant
30 NOV 2020 AT 9:29
हर दिन हर रात...छोड़ जाती है
अपने पीछे कई निशानियाँ
उन्ही से आने वाले लम्हों की
सूरत बदल जाती है
और उन्ही सिलवटों में बुनने लगती है
नई कहानियाँ।
- Shamim Merchant