बहुत कुछ रोक न पाए,
बहुत कुछ कहे न पाए,
लेकिन अब क्या रोना, क्या अफसोस करना,
खाली हाथ के बदले मीठी यादों से दामन भरलु,
मुस्कुराहट के साथ सारे क्षण जी लू।
- Shamim Merchant
19 MAR 2022 AT 21:56
बहुत कुछ रोक न पाए,
बहुत कुछ कहे न पाए,
लेकिन अब क्या रोना, क्या अफसोस करना,
खाली हाथ के बदले मीठी यादों से दामन भरलु,
मुस्कुराहट के साथ सारे क्षण जी लू।
- Shamim Merchant