आज भी भर आती हैं यारो, आंखें मेरी पानी से,
और वो कहते हैं मैं उनको, भूल गई आसानी से।-
👉Nickname:Lakshita
👉My day:11th may
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डरती हूँ मैं कि वो मुझको बातों में बहलाए ना,
मेरे रहते इस दुनिया में किसी और को चाहे ना।
मेरी बातें माने केवल, ऐसा ना मैं कहती हूँ,
मुझको लेकिन महफ़िल में कभी शर्मिंदा करवाए ना।
मुझको देखे उसी नज़र से जिससे उसको प्यार हुआ,
मेरे किए हुए efforts को यूँ ही भूल वो जाए ना।
बढ़ती उम्र के संग लाज़िमी है घट जाना सुंदरता का,
लेकिन फिर भी मुझसे सुंदर किसी और को बताए ना।
ना चाहत है मुझको ही वो चाहे ढूंढे सारा दिन,
लेकिन ऐसा भी ना हो संग पल भी एक बिताए ना।
उसकी और मेरी मिलाकर family एक कहलाए वो,
खुद भी उतना करे वो सबका, मुझको ही समझाए ना।
कुछ बातें होंगी जो केवल जानेगा इक वो इक मैं,
सारी बातें याद रखे वो, ये लड़की घबराए ना।
शादी करने से डरती हूँ, फिर भी गर कर लूँ मैं तो,
लिए गए इस फ़ैसले को वो, ग़लत कभी ठहराए ना।-
Kisi ne puchha tiffin me kya hai, kuch bhi na keh pai hun,
Khali dabba pada bag me, beshak ghar se aayi hun,
Pehli baar hua hai esa, thoda sa sakuchaai hun,
Maa ki tabiyat thik nhi thi, so kuch bhi na laayi hun.
Sabko sach hi kaha hai Maine, main jis jisko bhaayi hun,
Vo hi asli shakhs hain yaaro, main to bas parchhayi hun.
To be continued…-
Ki zindagi se kya chahiye hai, ye zindagi se sawaal karlo,
Sapne jo dekhe in aankho ne hain, thoda to unka khayal karlo,
Mehnat ke aage kismat jhuki hai, ye baat tumko malum hi hai,
Ya zindagi me aage badho tum, ya zindagi bhar malaal karlo.-
Gussa Jayaz hai tera, par mera pyar bhi jayaz hai,
Hum dono ke rishte ki, ye takrar bhi jayaz hai,
Faisla chahe jo bhi ho par, soch ke bare socho tum,
Jo us baar bhi jayaz thi, jo is baar bhi jayaz hai.-
मैं उसको ख़्वाब ही कहदूं, अगर वो ख़्वाब में आए,
मैं खुदको तब संभालूं ना, वो जब हिसाब में आए,
मैं ज़ाहिर कर तो दूं उसको, मेरे दिल के सवाल सारे,
रहेगी शर्त ये लेकिन , कि वो जवाब में आए।-
कोइ कहने वाला हो हमको,
कोइ सहने वाला हो हमको,
गर हारें हम तो कोई हिम्मत,
भी देने वाला हो हमको।
कोई पूछने वाला हो हमको,
कोई चाहने वाला हो हमको,
कुछ ख़ास अगर हम कर जाएं
सराहने वाला हो हमको,
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बचपन से ही, बेशक सब कुछ, मैं ही इन्हें सिखाती हूं,
खुदपर करें गुमान एक दिन, इस काबिल भी बनाती हूं,
फिर भी सुनती यही हूं कि, इनको तो कुछ ना आता है,
मां हूं ना इन बच्चों से, हर दम पीछे रह जाती हूं।
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मुश्किल सफर रहा है, लेकिन गुज़र रहा है,
गुमनाम था कभी जो, वही नाम कर रहा है,
इनके लिए ही तुझको, सुन ले है आगे बढ़ना,
इनको ही है डराना, जिन से तू डर रहा है।
सब कोशिशें लगाके, किए सपने पूरे जिसने,
सबके दिलों में वो ही, इंसा अमर रहा है।-
हम दोनों के मिलने का, विराम मिटाने आ जाओ,
मेरे साथ सनम तुम प्यारी-सी, एक शाम बिताने आ जाओ।
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