यादों के सफर में
हमसाया कभी अकेला नहीं रहता
वो लौट आता है उसी जगह
जहाँ कभी उसे छोड़ा गया होता है
_________पूजा गौतम-
Author of ✍️
📙Melancholic
📘प्रेमार्थ
📗अल्फाज़ अनकहे ( कुछ तेरे कुछ ... read more
सिसक पड़ी है मुहब्बत, एक तुम्हें याद करते करते
फिर कहते हो हुस्न ए सबा को, आखिर क्या गम है
________पूजा गौतम-
उदासियाँ हर रुखसत ए शाम लौट आती है
और हम फिर सुबह होने का इंतज़ार करते हैं
_______पूजा गौतम-
ख्वाब ए मंज़िल की राह में, दगा दे जाते हैं कुछ ऐसे
के तबाह ए दौर में, फिर मकाम हासिल नहीं हो पाता।
______पूजा गौतम-
चुप हूँ किसी सबब से
पत्थर ना जान मुझ को
इस दिल पर असर होता है
तेरी हर बात का।।
_______पूजा गौतम
-
खामोशी इक़्तियार
कुछ न कहते फिर रहे है
दिल के आईने में
चेहरा बनाते फिर रहे है
मोहब्बत की आड़ में
दोस्ती निभाते फिर रहे हैं।।
______पूजा गौतम-
वो बात भी करते हैं अब ज़रूरतों की तरह,
और हम नजरअंदाज होकर भी ख़ामोश रहते हैं।।
_______पूजा गौतम-
ज़िंदगी है
बहाव भी है
तपिश की बूंदों का
रेगिस्तान भी है
________पूजा गौतम
-
रूह का रूह से जो ख्वाब देखे
इश्क़ इबादत सरेआम देखे।।
_________पूजा गौतम-
तुम्हारे इश्क़ की
बंदिशें भी अजीब है
ना तुमने कैद में रखा है
ना हम फरार हुए।।
________पूजा गौतम-