वो बारिश वाली शाम,
ताज़ी-ताज़ी हवाएं,
सूर्य डुबने को,
नीला गगन, छलकती सूर्य की किरणें।
हमें झकझोर देती है।
हमें खींच लेती है अपनी ओर।
मैं मजबूर हो जाता हूँ उस ओर।
खुले फ़िज़ाओं में,
कुर्सी पर बैठ,
पैरौं को किसी ऊँचे पर टीका,
वो नीले गहन को निहारना, कॉफी की चुस्की।
जब ये हवा बादल को स्पर्श कर गुजरता हो,
बादल का शर्माना,
साथ-साथ चलना।
दिल में एक हलचल सी पैदा करती है, कहीं खो जाता हुँ,
मधुर संगीत सुनाई देने लगती है।
लगता कौई साथ है, जो गुनगुना रहा।
और वो तुम हो,
सिर्फ तुम।
मेरी प्यारी 😊
- ✍️Satyam Devu💞
7 JUL 2020 AT 12:39