12 DEC 2018 AT 10:04

चिरागों को आंखों में महफूज रखना,
बड़ी दूर तक रात ही रात होगी,
मुसाफिर हो तुम भी, मुसाफिर हैं हम भी,
किसी मोड़ पर, फिर मुलाकात होगी।

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