Sarfira poetry143   (शायरी - संग्रह)
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Joined 12 April 2019


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5 OCT 2023 AT 2:46

मन के भावनाओं को समेट गले मुझे लगा लो,




खो ना जाएं बेगाने शहर में पास आवो और अपना बना लो ।।

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10 SEP 2023 AT 2:43

कैसे हो आप लोग ?

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15 APR 2022 AT 18:57

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4 APR 2022 AT 11:17

तुम्हारी सोच से भी ज्यादा कुछ कर जायेंगे,
देखना तेरे इश्क में एक दिन
हद से गुजर जायेंगे!!

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4 APR 2022 AT 11:08

आज कल तेरे ख्यालों के शिवा मुझे कुछ और
होश रहता कहां है ,
दिल बेचैन रहता हर पल तुझे देखे बगैर तेरे बिना
मेरा दिल कही और लगता कहां है !

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28 MAR 2022 AT 16:36

इश्क़ है उनसे मुझे भी मेरे दिल की धड़कन बस उसी के नाम से धड़कती है,
इस कदर समाई है निगाहों में हर शक्श में मुझे उसकी तस्वीर नजर आती है!!

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27 MAR 2022 AT 23:37

बड़ी दूर चले आए इस बेगाने शहर मंज़िल की तलाश में,
गालिब दिल छोड़ आया गांव की गली,खेतों और बागान में!!

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26 MAR 2022 AT 16:09

बड़ी हसीन लगती है सनम तेरी ये नजाकत भरी शरारते,
दिल में कुछ इस कदर बसी हो तन्हाई में तेरी तस्वीर घंटो निहारे ।।

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26 MAR 2022 AT 15:42

थोड़ी सी उलझन क्या हुई जिंदगी में लोग यूं ही मौत को गले लगा लेते है,
गालिब अगले पल ज़िंदगी और हसीन होगी बस यहीं सोच हम मुस्कुरा लेते है।

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1 MAR 2022 AT 8:11

वो खुद को पहचान लिया ।

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