Sanskriti Jha   (Sanskriti jha)
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I write to learn, every lesson thoroughly
of this book called- "life" .
Joined 2 November 2017


I write to learn, every lesson thoroughly
of this book called- "life" .
Joined 2 November 2017
14 JAN AT 22:34

तेरे दिए हुए दर्द की कोई कमी नहीं है
पर अब मेरी भी आंखों मे वो नमी नहीं हैं
उतार दिया है तेरा धोखा मेने पन्नों पे
अब ऐसा कोई शख्स नहीं जिसने
मेरी ये कहानी सुनी नहीं है
दूर रहकर भी मेरे दिल का नासूर बनी हुई है
तेरी वो मोहब्बत
और तू कहता है तेरा कोई कसूर नहीं है।

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24 DEC 2024 AT 20:05

खामोशी मैं भी एक मजा है
जो तुम्हे बुलवाना चाहते हैं
उनके लिए ये एक सजा है

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13 NOV 2024 AT 19:39

खुशी खरीदने चला था मैं इस दुनिया के बाजार में
पता चला यहां तो सिर्फ़ दुख की दुकानें ज्यादा लगती हैं
कुछ खुशियों की दुकानें हैं भी तोह
उनपे मोल करने लायक औकात कहां हे मेरी...

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2 NOV 2024 AT 19:58

तेरे गजरे मैं बंधी हैं सांसे हमारी
खोल दे वो जुल्फे दम घुटने से पहले....

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26 OCT 2024 AT 12:13

ना लबों से कह पाए
ना आंखों से समझा पाए
प्यार मेरा एक तरफा जो था
बस हम ही डूबते गए
और हम ही ना उभर पाए

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25 OCT 2024 AT 19:57

Nourish your soul before watering others...

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22 OCT 2024 AT 22:49

मसले तो बोहोत हैं तुझसे
पर तेरी एक नजर और सब भूल जाते हैं हम

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5 OCT 2024 AT 20:13

For me the sun and the moon were all you
Until I knew I was looking in the wrong place.

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3 OCT 2024 AT 23:14

लोग हमसे दूसरों से खाए धोखे का रोना रोते हैं
हम जो अपनों से धोखे खाए बैठे है
वो कहते हैं लूट लिया उन्हें गैरों है
और एक हम है जो अपनों पे सब गवाए बैठे है....

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2 OCT 2024 AT 22:29

Some withered already,
Some yet to bloom....

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