Sanjay Upadhyay   (आवारा बंजारा)
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Joined 24 August 2018


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25 OCT 2023 AT 10:26

होते हैं ऐसे भी कुछ लोग जिनसे
सूखा गुलाब भी नहीं फेका जाता..!!

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1 OCT 2023 AT 23:07

मुझे हर कहानी के अंजाम से डर लगता है मुझे अपनों के बिछड़ जाने से डर लगता है।
मैं वो लड़का हूँ जो किसी के भी दुःख में रो जाता हूँ अपने दुःखों के बढ़ने से मुझे बहुत डर लगता है।
मैंने सुना है कोई वैसा नहीं रहता हमेशा, मुझे रिश्तों के बदलने से डर लगता है।
मैंने बचपन से अपनी हर चीज खोई है मुझे अपनी पसंदीदा चीजों से डर लगता है।
मैं अपनी उदासी से बहुत मुश्कील से निकला हूँ मुझे उन तकलीफ और लम्हों से डर लगता है।
अपने खातीर लोग कई घर उजाड़ देते है मुझे उनके जर्फ
जमीरों से डर लगता है।
एक शक्स में बस चुकी है कायनात मेरी,
उससे बिछड़ ना जाऊं
मुझे इस बात से डर लगता है।

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29 SEP 2023 AT 23:00

दिल में छुपा हर जज़्बात आँखों की ज़ुबान से समझ पाओगी क्या?
सूरज यहां भी ढल गया, तुम एक फुरसत भरी शाम साथ ला पाओगी क्या?  ❤️

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7 MAY 2023 AT 23:46

ज़िन्दगी हम को बहुत कुछ देती तो है
पर किसी ना किसी चीज के लिए फ़कीर बना देती है।

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9 SEP 2022 AT 21:42

एक रात तेरा साथ
लम्बा रास्ता हाथों में हाथ
दिलों की बातें उस पर बहकते जज़्बात
ठंडी हवाएं और हल्की बरसात
हाय! ये मेरे मेहंगे से ख्वाब।।

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14 JUN 2022 AT 0:35

अक्सर मेरे सपने कुछ टूट से जाते हैं,
मैं जिसे चाहता हूं वो मुझसे रूठ से जाते हैं।

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9 JUN 2022 AT 9:42

खुद रोज़ वो उम्मीदों की चादर ओढ़कर सोता है।
रातें तो सुकून से गुजर जाती हैं, मगर सुबह फिर से रोता है।
इसलिए ज़िन्दगी का ये मसला कभी हल नहीं हो पाया,
इंसान की फितरत में सिक्का सही और खुद इंसान ही खोटा होता है।

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24 MAY 2022 AT 21:23

यूं तो अब उनसे वो पहले जैसी मुलाक़ात नहीं होती
बातें होती तो हैं मगर अब वो बात नहीं होती!!

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8 MAY 2022 AT 8:38

आज उसका दिन है
जिससे मेरा हर दिन है!
Happy Mother's day ❤️

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1 APR 2022 AT 10:00

अब किस से पूछूं खैरियत तुम्हारी
तुम्हारी तरफ का कोई दोस्त भी तो नहीं है मेरा

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