Sanjana Saxena   (©Sanjana Saxena)
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I am a self-believer. A cheerful, optimistic, and a thoughtful person.
An explorer I am!!
Joined 6 July 2018


I am a self-believer. A cheerful, optimistic, and a thoughtful person.
An explorer I am!!
Joined 6 July 2018
9 JUN AT 19:46

निकलो कभी यूंही, हां आधे-पौने मन से ही
थाम लो अंजानी राहें, ले जाने दो जहां वो ले जाएं।
भटकने दो मन को, ढलने दो उसे शाम सा
ना साहिलों की फ़िक्र करो, ना ही वक़्त की परवाह।
गुज़रने दो कुछ समय, गुज़ारो कुछ लम्हें,
मिलेंगे जवाब उन सवालों के भी
क़ैद जो अभी तक थे एहसासों में।
निकलो नहीं कुछ ढूंढेने,
बस बहते जाओ, गोते लगाते जाओ
एक ही जीवन है, जी भर कर जीते जाओ।

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11 APR AT 8:02

मुस्कुरा तो यूंही दिया जाता है
कभी अंजानों में तो कभी अपनों में
पर देख तुझे मेरा दिल मुस्कुराता है,
बात ही कुछ और है इस तसल्ली की
लबों पर आए या ना आए ये ज़िक्र
पर आंखें तो करती हैं सब बयां!
रुख तेरा ही हर बार करती हैं
न पाने पर तुझे इधर-उधर ढूंढती हैं
तुझको ही हर पल बस चाहती हैं।
खोने दे मुझे अपनी इन आंखों में
कि चुरा लू मैं सुकून के ये अनमोल पल
और बुन लू अपने ख़्वाबों का एक हसीं जहां।

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31 MAR AT 20:22

संभाले न संभले
देख उसे फिर बहक जाता है
ये दिल का मसला है हुज़ूर
अपने ही इशारों पर नचाता है।
बिन बात भी ख्यालों में रहता
याद उसे ही हर घड़ी करता है
ना जान है ना पहचान है
फिर भी उसको ही हर पल सोचता है।

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31 MAR AT 19:36

रोता भी है ये दिल, और धड़कता भी है
ढूंढता भी है उसी को, और उसी से छुपता भी है
आने से उसके खिल जाए, पर समक्ष वो बेपरवाही ही दिखाए
आंखों पर एक पहरा लगाए, नज़रे ना मिलाए
मिल जाए अगर तब भी कहीं, तब मुस्कुरा जाए
याद बन जाए वो पल एक, जिसे बार-बार याद कर मुस्काए
अकड़ नहीं है ये कोई, पर डर है
कि कहीं दिल की जुबां बिन लफ्ज़ ही ना बयां हो जाए
समझेगा भी वो कभी, या बस यूंही ये सफ़र निकल जाएगा
इक़रार-ए-इश्क़ से पहले ही ये किस्सा शायद थम जाएगा!

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13 MAR AT 14:24

फिर रंग उड़ेंगे, गुलाल बिखरेंगे
साथ बैठ कर बनाई गुजियों का स्वाद चखेंगे।
कुछ फिर भागेंगे, कुछ फिर भगाएंगे
रंग लगा इक-दूजे पर साथ खिलखिलाएंगे।
कुछ पहुंचेंगे घर, तो कुछ दूर से ही आशीष पाएंगे
रंग छलका खुशनुमा, अपना हर पल सजाएंगे।
झूमेंगे ढोल पर, ठंडाई का भी लुफ़्त उठाएंगे
अपने ख़्वाबों के जहां में एक यादों का पन्ना और लगाएंगे।
दुआ है हमारी,
बरसे मेहर ईश्वर की हर पल यूंही
ना पड़े फ़ीका कभी ये रंगों भरा कारवां।

होली की शुभकामनाएं।

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3 FEB AT 3:18

चांदी से भिन्न जैसे स्वर्ण, वैसा ही है प्रेम प्रसंग
आसान नहीं समझना इसको, पर जब हो जाए, कर जाए ये मलंग।

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31 DEC 2024 AT 22:36

As the seconds' hand move,
The year changes;
And as the year changes,
It reminds us, that
We can live only in this moment,
Neither a second back nor forth!
So, reminiscing the past,
Living in the present,
Let's make way to the future,
Better and brighter!

With love and light, happy 2025!

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8 NOV 2024 AT 1:29

Standing on the mountain,
Or by the beach side
Holding hands, or by just lying and gazing
Carving a different story every time
Painting with infinite emotions
Some known, some unknown
Seeking solace
We look up at the stars
Although the same!

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31 OCT 2024 AT 22:19

बिन चांद भी टिमटिमाता गगन
दियों से जगमगाता हर घर आंगन
रंगों से रोशन हर चमन
अपनो के प्यार से झिल-मिल हर मन
मंगल रहे आपके लिए दिवाली का ये पर्व
और बरसती रहे रब की मेहर हर क्षण।

दीवाली की हार्दिक शुभकामनाएं।🪔

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19 SEP 2024 AT 2:06

आज़ाद परिंदे की तरह
फेहराओ पंख भरो उड़ान, ऊंची उड़ान
ना डरो तुम, ना रुको तुम!
ना चलेंगे साथ लोग तुम्हारे,
ना मिलेगा साथ हर बार तुम्हें
आसरे कम होते जाएंगे
साथी भी कम होने लगेंगे
पर तुम बस चलते जाओ
और चलते ही जाओ
पूरा करलो हर अरमां अपना
जीलो ज़िन्दगी को पूरी तरह।

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