पर आजकल
बिना प्राइमर के फाउंडेशन की
कोई वैल्यू नहीं है यार।
-
Sanjana Heda
(Dr.Sanjana Heda 'Sana')
551 Followers · 135 Following
Fiercely Independent Writer
Joined 12 November 2016
6 MAY AT 21:17
नए एक नज़राने से
रोज़ हम मिलते।
कभी किसी राह में,
तो कभी किसी चाह में,
चलते, गिरते रहते है,
संभल कर उठते, बैठते रहते है।
ज़िंदगी तेरे लिए,
खुशी के सावन की तो कभी
ग़म के बादलों की स्याही से
हर पड़ाव की बंदिशें बनाते रहते है।
-
13 JAN AT 0:20
ख़्वाब
हकीकत में तब्दील होने की
बुनाई में लगा हुआ था
मगर
सुबह होते होते
धागे कुछ एक
खुलने लगे थे।
-
21 DEC 2023 AT 10:45
बिन तेरे
मेरा है दिल,उदास,
तू जो ना है, मेरे पास
तो कुछ भी लगता नहीं है खास,
दिलचस्प है ये राज़,
जो समझ ना पाए कोई आम,
खाली खाली शाम,
ले जाए सबसे दूर,
मुझको,
क्यूं मैं ना हो जाऊं गुम
तेरी याद में कहीं।
-