जो आंखों के सामने होता है कभी-कभी हम उस पर यकीन नहीं करते तो मैं उस पर यकीन कैसे कर लूं जिसे मैंने कभी देखा ही ना हो तुम यकीन की बात करती हो उसने मेरी जिंदगी मेरी जिंदगी से सुकून छीन लिया है और मैं पूछता हूं क्यों तो जवाब ही नहीं देते क्योंकि मैं जानता हूं उसके पास जवाब ही नहीं है
- SAMEER
15 AUG 2018 AT 20:04