चल आज मैं मोहब्बत को लिखना चाहता हूं,
मैं फिर से बस तेरा होना चाहता हूं
यूं तो नींद आती नहीं मुझे,
लेकिन ख्वाब में बस तुझे देखना चाहता हूं
यूं तो बारिश मुझे नहीं पसंद,
पर तेरे साथ बरसात में खेलना चाहता हूं
यूं तो मैं हर किसी की तारीफ नहीं करता,
पर तेरे हुस्न के आगोश में खोना चाहता हूं
यूं तो नादानियां मुझे नहीं पसंद,
पर तेरा बचपना देख हसना चाहता हूं
यूं तो हक़ जताना मुझे अच्छा नहीं लगता,
पर तेरे लिए पूरी दुनिया से लड़ना चाहता हूं
यूं तो मुझे लिखना नहीं पसंद,
पर तुझे अपने शब्दों में सजाना चाहता हूं
गिरफ्तार कर ले मुझे फिर से अपनी बाहों में,
अब मैं बस तेरा होना चाहता हूं।।
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