पोथी पढ़ पढ़ कर जग मुआ ,पंडित भयो ना कोई ,ढाई अक्षर प्रेम के, जो पढ़े सो पंडित होए.-कबीर दास - © सदफ़
पोथी पढ़ पढ़ कर जग मुआ ,पंडित भयो ना कोई ,ढाई अक्षर प्रेम के, जो पढ़े सो पंडित होए.-कबीर दास
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