कभी गिरते तो कभी गिर के संभालते रहते।
खाली बैठे रहने से तो अच्छा था।कि चलते रहते।
गैर के कदमों से चलते तो शायद कही के न रहते।
अपने पैरो से चलते तो शायद चलते रहते।- सफ़र
1 JUN 2019 AT 1:32
कभी गिरते तो कभी गिर के संभालते रहते।
खाली बैठे रहने से तो अच्छा था।कि चलते रहते।
गैर के कदमों से चलते तो शायद कही के न रहते।
अपने पैरो से चलते तो शायद चलते रहते।- सफ़र