S.Shubhasmita Baliarsingh   (S.Shubhasmita)
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Joined 17 July 2020


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Joined 17 July 2020
20 MAR 2022 AT 9:41

एक उलझी हुई पहेली हो तुम
सुलझाने आऊं तो
उसमें खुद उलझ जाती हूं
अथाह दर्द की‌ अग्नि हो तुम
बुझाने जाऊं तो खुद जल जाती हूं
असीम प्रेम का गहरा सागर हो तुम
मापना चाहूं तो खुद डूब जाती हूं
मेरी हर सांस की सबब हो तुम
दूर जाऊं तो मौत को छू जाती हूं

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27 JAN 2022 AT 19:41

तुम देख ना पाए इस तरह तुम्हारे आसपास थे
तुम जान ना पाए इस कदर तुम्हें चाहते थे
तुम्हें ‌लगता था कि तुम्हारी आदत छूट गई मेरी
मगर हम तो तुम्हें दिल में बिठा कर जी रहे थे

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18 NOV 2021 AT 21:43

Dear
Your Love adorns me, so how can I look pretty without you ?
You're going away from me so how can I stop pursue?
Your pain made my heart cry....
But you're unable to feel this, tell me why?
Let me carry the stab of this desparation in my dream
As you are the one I wish from God on every whim
I dreamt ,You were tenderly ruffling my hair
So I lost in you & wished more time to spare
Ahh ! How enchanting your deep Love, I Love drinking
The sweetness of meeting ,woe ! same gloominess of departing .
Don't go far off ,not even for a day
Mist of anguish will shed off , in your short delay
I will wander mazily , globe's every light & dark part .
But your silhouette won't dissolve from my heart .

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11 OCT 2021 AT 20:02

पंछी मैं उन्मुक्त गगन की जिसकी पंख तुम हो
रोशनी हूं मैं उस महफिल की जिसकी सूरज तुम हो
लिखती हूं मैं जिस नशे से उसकी हो तुम मधुशाला
अब तुम्हारे हाथों को थाम जिंदगी के दरिया में तैरते चला

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27 JUN 2021 AT 12:55

दिल ही दिल में.,
प्यार छुपाने की लज़्ज़त प्यार बताने में कहां
वल्लाह ! मेरे ना ना से ही ये इश्क बढ़ता रहा...

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6 MAY 2021 AT 17:53

मेरे आंखों की तलब में तुझे डूबाऊंगी
मेरे प्रीत की बौछार में‌ तुझे भीगाऊंगी
जब मांग लिया तू साथ मेरा चलने को एक कदम
इंशाल्लाह ! ताउम्र हर कदम तेरे संग चलूंगी

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9 DEC 2020 AT 13:08


गौर फरमाइएगा .,

जिसको अपने आंखों का काजल बनाया, वो अश्कों में गया‌ ;
ये जिंदगी ने भी मेरा क्या खूब सौदा किया ,तजुर्बे देकर मेरी मासूमियत ले गया..

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17 NOV 2020 AT 16:41

Thought process & musings always sway inside our mind under the control of our brain. It's very strenuous to control it . Who controlled , conquered.

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19 SEP 2020 AT 23:03

तेरे स्मृतियों में है जिना....




रिस्तों की लम्बाई से ज्यादा है प्यार की गहराई
तभी काटती हूँ तेरे यादों में दर्द भरी तनहाई
जब मुझे तू मिला था पल थम सा गया था
प्यारी सी मुलाकात और बो खत भी कुछ अपना सा था
तेरी हसी ओर मासूम चेहरे पे सब मरते थे
पर हम बस दोस्ती का हाथ बढ़ाए थे
मैने दोस्ती तो किया पर उसे तुमने निभाया
हर बार मेरे दर्द में भी मुझे हसाया
अब जाने कहाँ खो गए के ढूँढती फिरती हूंँ
हाए ! तुम जन्नत के फूल ,तो मैं मेरे आशिआने में तुम्हें कैसे पाउँ
आजिबन तेरे स्मृति में अब है जिना
पर वा खुदा, तुम जरूर आओगे और कहोगे अब इन यादों में क्या जिना,
ता-उम्र तेरा दोस्त को तेरे साथ है रहना़...

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14 AUG 2020 AT 17:01

मैं एक निष्प्रभ, बेजान सितारा


जिसे तेरी कुर्बतों पे पनाह मिली , हसरतों पे जगह मिली
इतने तारें थे अम्बर में पर मैं ही तेरी निगाहों का आस्रा पा ली...

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